वो जो थे तकिये पर निशान
सूखे हुये आँसुओं के
कह रहे थे वो कहानी
जिसमे मैंने अपने दिल पर सैलाब लिख दिया..
धो दिया निशान मैंने पर,
जो न मिटा फिर कभी
वो एहसास लिख दिया.....!!
Saturday, 1 August 2020
सूखे आँसू
Saturday, 25 July 2020
कयामत
ये कैसा सन्नाटा है, ये कैसी तन्हाई है ..??
कोई तो आशिक रोया है यहाँ,
ये कयामत तो दिल टूटने से आयी है.......
Sunday, 16 June 2019
हमारे घरोंदे
कैसा अजीब ये वक़्त कैसा बेबाक है
रात भी पूरी खत्म नहीं और सुबह भी होने को बेकरार है,
सुर्ख नहीं हैं पत्ते इन चंद दिखते पेड़ों पर
जबकि मौसम में तो बड़ी ज्वाला की मार है..
प्रकृति ने बेइंतहा कोशिश कर ली है खुद के वजूद को बचाने में,
हमने भी लेकिन पूरा घमासान किया है हर सुंदर संपदा हटाने में,
पूरी तरह बर्बाद कर दिया हमने अपने ही घरोंदों को, ना प्रश्न करना अब प्राकृतिक आपदाओं के हमें मिटाने में..!!
सब हमारा अपना ही बोया है और अब हम ही इन कांटो को झेलेगे,
हमारे आने वाली पीढ़ी के बच्चे अब कहाँ हरियाली और प्रकृति की गोद मे खेलेंगे??
Monday, 3 June 2019
बदनसीब
दबाकर आग सीने में एक मुद्दत से फिरता हूँ,
ये जो आजाद कर दूँ तो जलकर खाक हो जाऊं..
बड़ा बदनसीब सा लगता है मेरी दोनों ही मर्ज़ी में,
कि अब राख हो जाऊँ या फिर बर्बाद हो जाऊँ..??
Tuesday, 21 May 2019
अब मैं सिर्फ जागूँगा..
कुछ यूँ पंख लगाकर उड़ चले हैं सपने मेरे,
दूर कहीं है मंज़िल और मुश्किल है रास्ता..
अकेला हूँ पर हौसला है, मन में विश्वास है,
खुद को दे दिया है मैंने अब अपना ही वास्ता..!!
ना ही टूटूँगा ना ही हिम्मत हारूँगा,
ना पीछे पलटुंगा ना ही अब मैं भागूँगा..
अब तो नींद टूट चुकी है
अब मंजिल मिलने तक सिर्फ जागूँगा..
अब मंजिल मिलने तक सिर्फ जागूँगा..!!
Wednesday, 27 February 2019
You are yours..
Run Run Run..
As much as you can,
As far as possible..
But somewhere in between
Somehow, Take a deep breath,
And think about it..
You are running for yourself, or
You are running from yourself..!!
Sunday, 24 February 2019
मंजिल दूर
बिना संघर्ष के कोई जीत नहीं,
और जहां तुम रुक गए हो अंत समझ कर..
वो तो बस एक अंधे मोड़ का अंतिम कोना है,
रास्ता अभी और है, मंजिल अभी दूर है..
हर शख्स यहाँ लड़ रहा, हर एक यहां मजबूर है..