बिना संघर्ष के कोई जीत नहीं,
और जहां तुम रुक गए हो अंत समझ कर..
वो तो बस एक अंधे मोड़ का अंतिम कोना है,
रास्ता अभी और है, मंजिल अभी दूर है..
हर शख्स यहाँ लड़ रहा, हर एक यहां मजबूर है..
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Sunday, 24 February 2019
मंजिल दूर
Monday, 18 December 2017
इश्क़ सरेआम
कुछ इस कदर मैंने खुद को उसके नाम कर दिया
हाथ को पकड़ा उसके और मोहब्बत को सरेआम कर दिया,
मेरा इश्क़ तो एकदम सच्चा था फिर भी
उसने बोला की मैने उसे बदनाम कर दिया....।।
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