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Friday, 26 July 2019

चीख

बहुत दूर तक उसे जाना था, लाखो मुर्दो को जगाना था..
पर गुम सी यूँ ही हो गयी, वो अंदर ही अंदर सो गई,
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चीख उसकी भी गुमनामी के अंधेरे में खो गयी!!

(Adee)

Tuesday, 21 May 2019

अब मैं सिर्फ जागूँगा..

कुछ यूँ पंख लगाकर उड़ चले हैं सपने मेरे,
दूर कहीं है मंज़िल और मुश्किल है रास्ता..
अकेला हूँ पर हौसला है, मन में विश्वास है,
खुद को दे दिया है मैंने अब अपना ही वास्ता..!!

ना ही टूटूँगा ना ही हिम्मत हारूँगा,
ना पीछे पलटुंगा ना ही अब मैं भागूँगा..
अब तो नींद टूट चुकी है
अब मंजिल मिलने तक सिर्फ जागूँगा..
अब मंजिल मिलने तक सिर्फ जागूँगा..!!