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Thursday, 15 August 2019

हवायें

बड़ी ज़ोर से आती है,
मेरे चेहरे से टकराती है,
मेरे बालों को बिखराती है
ये हवा भी ना......
मन को कितना बहकाती है

कभी कुछह खुशबू साथ में लाती है
कभी कुछ यादों को बुलाती है
आनन फानन तेज़ कभी, कभी चूम के जाती है
ये हवा भी ना.....
मन को कितना बहकाती है!!

Friday, 26 July 2019

चीख

बहुत दूर तक उसे जाना था, लाखो मुर्दो को जगाना था..
पर गुम सी यूँ ही हो गयी, वो अंदर ही अंदर सो गई,
.
.
चीख उसकी भी गुमनामी के अंधेरे में खो गयी!!

(Adee)

Friday, 29 June 2018

बड़ा कमरा

इतने साल बाहर रहा और मैने क्या पाया
हाँ था घर छोटा सा पर सुकून भरा, मैं छोड़ आया
दर दर भटका और कुछ पैसे भी कमाए
सब कुछ नया लिया बस वो रिश्ते न जोड़ पाया ..
सब कुछ नया लिया बस वो रिश्ते न जोड़ पाया ..।।

Tuesday, 21 November 2017

बेपरवाह

बेहतरीन बेपरवाह जिंदगी थी
फिर परवाह न होने की परवाह हो गयी..
उन्मुक्त उड़ान तो अच्छी थी
फिर किसी क़ैद की चिन्ता हो गयी..।।

Sunday, 19 November 2017

ख्वाबों की ओर..

रात अब लम्बी लग रही है
कहीं मैं सो न जाऊं..
इस दुनिया की एक सी भीड़ में
कहीं मैं खो न जाऊं..!!

क्यों भागा जा रहा है सरपट
अब लगता है वक़्त थोड़ा ठहर जाए..
मैं भी पा लूं पहचान को अपनी
जल्दी से अब वो पहर आये.. !!

(आदी)