रात अब लम्बी लग रही है कहीं मैं सो न जाऊं.. इस दुनिया की एक सी भीड़ में कहीं मैं खो न जाऊं..!!
क्यों भागा जा रहा है सरपट अब लगता है वक़्त थोड़ा ठहर जाए.. मैं भी पा लूं पहचान को अपनी जल्दी से अब वो पहर आये.. !!
(आदी)
Haa jarur jaldi s pahchan pa lo Aditya bhai.
Haa jarur jaldi s pahchan pa lo Aditya bhai.
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