नहीं है जो हकीकत, उसकी तलाश हूँ मै बेकार सा जो था वीराने मे, तराश रहा हूँ मै, मत आंको मुझे सिर्फ जो देखा उतने से मुझे एक उफनते सागर का सारांश हूँ मैं!!
Great ....
my story
Great ....
ReplyDeletemy story
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