Friday, 6 April 2018

तूफ़ान

ये तो तूफान तेज़ आया है,
बस्तियों को यूं उखाड़ गया।
एक तूफाँ मेरे भीतर भी था,
जो मुझको अंदर से उजाड़ गया।।

2 comments:

  1. मेरे अन्दर भी उमड़े इस महावीर ने
    कर दिया है सब कुछ, एकदम नीरव शीतल...
    इस पसरे सन्नाटे और घनघोर अंधेरे में चाहता तो हूँ कि छू लूँ उसे पर वो डर में सहम जाती है बारम्बार...

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