हाहाकार मचा रखा है, सुख चैन कहाँ अब पाऊँगा.. अब ऐसा ही हाल रहा तो, मैं विद्रोही हो जाऊँगा..||
सीमा नही बची है फिर भी, असीमित प्रेम दिखाऊँगा.. गर फिर भी न समझ सके तो, मैं विद्रोही हो जाऊंगा..||
(आदी)
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