Tuesday, 21 February 2017

नशा जो उतरता नही..

एक साज है जो कभी छुपता नही,
एक सपना है जो कभी मरता नही,
होश में हूँ मैं और बेहोश भी,
एक नशा ऐसा है जो कभी उतरता नही....||

एक पत्ता ऐसा है जो कभी झड़ता नही,
एक बाग ऐसा है जो कभी उजड़ता नही,
लाखों जतन भी किये लोगों ने,
एक नशा  ऐसा है जो कभी उतरता नही....||

बात तो छोटी सी है......
यौवन उसका ढ़लता नही,
प्रेमी जब होते हैं प्यार में,
तो यह वो नशा है जो कभी उतरता नही..यह वो नशा है जो कभी उतरता नही.......||

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