ख्वाहिशें बहुत हैं दिले नादां में मगर..
उम्मीदों से भरा गुलिस्तां भी बाकी है|
सफऱ लम्बा उलझनों भरा है मगर..
मेरे ख्वाबों की उड़ान अभी बाकी है|
दौर ए कठिनाई भी गुज़र जायेगा..
खुशनुमां वक्त से मुलाकात होगी|
हथेलियों में मेरा भी आसमां होगा..
मेरी सुबह की भी हसीन शाम होगी||
हथेलियों में मेरा भी आसमां होगा..
मेरी सुबह की भी हसीन शाम होगी||
(आदी)
Too good, 😉
ReplyDeleteMorning me pad k maja aa gayA
Thanks a lot bro
ReplyDeleteThanks a lot bro
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