Wednesday 11 March 2020

तुम जरा देर से ही आना....

याद आया है मुझे तुम्हारा वो मुस्कुराना
मुस्कुराकर हल्के से नज़रों को झुकाना
अपने चेहरे पर आते बालों को
एक अदा दिखाकर पीछे हटाना....

क्या खूब खोया हूँ तुम्हारी यादों के झरोखों में
तुम्हारी हाँ - ना के बीच के अपने ही धोखो में..
अब तो तुम मुझे ना ही असलियत दिखाना
बस यूँ ही मेरी यादों में मेरे लिए मुस्कुराना,
सुनो.. ऐसा करो.. तुम जरा देर से ही आना... I I

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