Wednesday 3 October 2018

सारांश

नहीं है जो हकीकत, उसकी तलाश हूँ मै
बेकार सा जो था वीराने मे, तराश रहा हूँ मै,
मत आंको मुझे सिर्फ जो देखा उतने से मुझे
एक उफनते सागर का सारांश हूँ मैं!!