Sunday 28 August 2016

निर्वात् के परे

वह ही अन्त् है.... अन्त का भी अन्त्.. जिससे परे अन्धकार और निर्वात् है|| कैसा है यह निर्वात् और कैसा है वह अन्त....
किसका निर्वात और किसका अन्त् ..........||
परन्तु अन्त् तो सिर्फ अन्त् होता है, वह किसका और कैसे , कहाँ होता है...........