Saturday 15 October 2016

नही आता.....

चाहत होती है कर गुजरने की तो ख्याल नही आता,
सवाल तो लाखों होते हैं पर जवाब नही आता |
दिन रात महफिलें सजी रहती हैं चारों तरफ,
पर तोड़ सके जो मेरी तन्हाई को वह वार नही आता||

चलता रहता हूँ अन्जान सड़क पर अन्त नही आता,
थकता हूँ गिरता हूँ पर रुकना नही आता|
नही दिखती है मंजिल न मुझसा भटका हुआ राही,
बस मैं होता हूँ मेरी तन्हाई होती है पर वो रोशन उजाला नही आता.........||

चाहत होती है कर गुजरने की तो ख्याल नही आता
सवाल तो लाखों होते हैं पर जवाब नही आता ..||

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