कितना अच्छा होता है बेकरार होने पर भी कहीं खो जाना,
कितना अच्छा होता है बेचैन रात मे भी सो जाना,
यूं तो बेसब्र बेदर्दी भरी है ये जिंदगी..
कितना अच्छा होता है दिल भरने पर बेधड़क रो जाना।।
(आदी)
बेकरारी न रही पर बेकरार रहा मुझे, इंकार मे भी उनके इंतजार रहा बेंच दी सौदागरो को सारी यादें उसकीदिल मे मगर फिर भी का अंबार रहा l Iबेहद उम्दा... मित्र l
बेहतरीन
बेकरारी न रही पर बेकरार रहा मुझे,
ReplyDeleteइंकार मे भी उनके इंतजार रहा
बेंच दी सौदागरो को सारी यादें उसकी
दिल मे मगर फिर भी का अंबार रहा l I
बेहद उम्दा... मित्र l
बेहतरीन
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