Sunday, 13 November 2016

किरदाऱ

हर शख्स यहाँ अन्जान है,
सबको आजमाना पड़ता है..
चाहो या न चाहो पर,
किरदार निभाना पड़ता है..||

चेहरे छुपाये फिरते हैं,
नकाब हटाना पड़ता है..
पूरी दुनिया रंगमंच है,
किरदार निभाना पड़ता है..|

कुछ मुस्कुराते फिरते हैं,
कुछ को रुलाना पड़ता है..
हर भाव है बिकता यहाँ
किरदार निभाना पड़ता है..||
किरदार निभाना पड़ता है..||

(आदित्य कुमार अवस्थी)

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