Monday, 27 March 2017

दिन प्रतिदिन

प्रतिदिन एक द्वन्द होता ,
ह्रदय और मस्तिष्क में।
क्या सत्य है और क्या नहीं
क्या क्या बचा अस्तित्व में।।

सूर्य उदय होता है हर दिन
प्रत्येक दिन ही रात आती।
कुछ जीते हैं ज़िन्दगी को
कुछ की बस गुज़र ही जाती ।।

सत्य है असत्य भी
जीवन है जैसे मृत्यु भी।
सुख और दुख तो आएंगे
सीखो बढ़ना गम में भी ।।

प्रतिदिन होता द्वंद् है,
किसका ये अस्तित्व है।।।।।।

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