वो जो थे तकिये पर निशान सूखे हुये आँसुओं के कह रहे थे वो कहानी जिसमे मैंने अपने दिल पर सैलाब लिख दिया.. धो दिया निशान मैंने पर, जो न मिटा फिर कभी वो एहसास लिख दिया.....!!