#याद : मेरी रचना
मै यह बात सबको बताता रहा
किस्सा मेरी तनहाई का सबको सुनाता रहा
थी यह साजिश या मज़ाक हुआ मुझसे
डोर किसी और हाथ थी मै चरखी घुमाता रहा |
हारा नही ज़िन्दगी से खुद को आज़मा रहा
याद किया नही उसको पर नही भुला पा रहा
नही दिखाई अपनी चाहत मैने उसे
धुँधलापन आँखों की नमी से था और दाग शीशे से हटा रहा...... ||
मैं यह बात सबको बता रहा......
#आदी
( आदित्य कुमार अवस्थी)
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